नईदिल्ली । स्वदेशी कंपनी टाटा मोटर्स द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को ये देसी कार क्यों पसंद आ रही है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में ग्रामीण इलाकों में जबरदस्त बिक्री की है। ग्रामीण इलाकों की बिक्री ने कंपनी के कुल यात्री वाहनों की बिक्री में 40 फीसदी का योगदान दिया है। यानी 100 में से हर 40 कारें ग्रामीण इलाकों में बिकी हैं।
ग्रामीण उपभोक्ताओं के बीच टाटा मोटर्स की कारों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। कंपनी की कारें पहली बार खरीदने वाले लोगों की संख्या 70 फीसदी के आस-पास है। देश में बुनियादी ढांचे के विकास, डिजिटलीकरण और परचेजिंग पावर बढ़ने से ग्रामीण और शहरी ग्राहकों के बीच का अंतर कम हो रहा है। टाटा कार और एसयूवी रेंज में मल्टी पावरट्रेन ऑप्शन (पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और ईवी) उपलब्ध है, जो ग्राहक को उनकी जरूरतों के हिसाब से बेहतर विकल्प चुनने की आजादी देता है। ग्रामीण बाजार में टाटा मोटर्स ने तेजी से विस्तार किया है जिसके चलते एसयूवी की बिक्री 35 फीसदी से बढ़कर 70 फीसदी हो गई है। अल्टरनेट फ्यूल (सीएनजी/ईवी) से चलने वाले वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2022 के 5 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 23 फीसदी हो गई।
ट्विन-सिलेंडर सीएनजी कारों की डिमांड बढ़ी है। ग्रामीण बाजारों में 100 में से 16 कारें सीएनजी हैं। ग्रामीण बाजारों में ग्राहक एमटी से एएमटी/एटी में शिफ्ट कर रहे हैं। ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन में 14 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ देखने को मिली है। बता दें कि टाटा मोटर्स ने अपनी पैसेंजर कारों की बिक्री के दिलचस्प आंकड़े साझा किये हैं। कंपनी की कारें सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि छोटे शहरों और गांव में भी तेजी से पॉपुलर हो रही हैं।
टाटा मोटर्स का वाहनों की बिक्री में 40 फीसदी का योगदान
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