राज्यसभा में बोले पीएम मोदी- जिसको कोई नहीं पूछता, उसको मोदी पूजता है

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने विस्तार से चर्चा की है, देश को आगे की दिशा भी दिखाई है। राषट्रपति जी का अभिभाषण प्रभावी भी था और हम सबके लिए भविष्य के काम पर मार्गदर्शक भी था। इसे जिसने जैसा समझा, वैसे समझाया। सबका साथ, सबका विकास पर यहां बहुत कुछ कहा गया। इसमें कठिनाई क्या है। ये तो हम सबका दायित्व है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे इसके लिए कोई अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि ये उनकी सोच, समझ के बाहर है और रोडमैप में भी सूट नहीं करता। इतना बड़ा दल एक परिवार के लिए समर्पित हो गया है। उसके लिए ये संभव ही नहीं है। कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा है। देश की जनता ने हमें तीसरी बार लगातार सेवा का मौका दिया। ये बताता है कि देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा है, समझा है और समर्थन दिया है। हमारा ये मॉडल एक शब्द में कहना हो तो कहूंगा- नेशन फर्स्ट। पीएम मोदी ने कहा कि इसी उम्दा भावना के साथ वाणी-वर्तन, नीतियों में इसी एक बात को मानदंड मानकर सेवा करने का प्रयास किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय तक देश को तराजू पर तौलने का कोई अवसर ही नहीं मिला था कि वैकल्पिक मॉडल क्या हो? 2014 में हमने देश को वैकल्पिक मॉडल दिया। जनता ने हमारे मॉडल को मंजूर किया। हमने तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण का मॉडल दिया है। कांग्रेस का तरीका होता था कि जब चुनाव आए तब छोटे तबके को कुछ दे देना और बाकियों को तरसते देखना।

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जबरदस्त हमला बोलते हुए कहा कि झुनझुना बांटना, लोगों की आंखों पर पट्टी बांधकर अपनी सियासत को चलाए रखना। इनकी नजर वोट की खेती पर होती थी। हमारी कोशिश रही है कि भारत के पास जो भी संसाधन हैं, उनका इष्टतम उपयोग किया जाए। जो समय है, उसको भी बर्बादी से बचाकर के पल-पल का उपयोग जनकल्याण के लिए, देश की प्रगति के लिए खर्च हो।

पीएम मोदी ने कहा कि, हमारी सरकार ने एससी-एसटी एक्ट को मजबूत बनाकर दलित-आदिवासी समाज के प्रति सम्मान भी दिखाया, प्रतिबद्धता भी दिखाई। आज जातिवाद का जहर फैलाने के लिए भरपूर प्रयास हो रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज जातिवाद के जहर फैलान के लिए भरपूर प्रयास हो रहा है। लेकिन तीन-तीन दशक दोनों सदन के ओबीसी एमपी और सभी दलों के ओबीसी एमपी सरकारों से मांग करते रहे थे कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए, ठुकरा दिया गया। इनकार किया गया क्योंकि शायद उस समय उनके राजनीति को ये सूट नहीं करता था। हम सबने मिलकर तीन-तीन दशक से मेरे ओबीसी समाज ने जिस बात की मांग की थी हमने आकर इस आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए इनका मान-सम्मान भी उतना ही महत्वपूर्ण है। देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया, उसको एक तंदुरुस्त तरीके से सत्य को स्वीकार करते हुए करने का प्रयास नहीं हुआ। दुश्मनी पैदा करने वाले तरीके अपनाए गए। पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया कि हमने सामान्य वर्ग के गरीब को 10 फीसदी आरक्षण दिया, बिना तनाव के, बिना किसी का छीने। एससी-एसटी, ओबीसी ने भी इसका स्वागत किया। पूरे राष्ट्र ने इस बात को स्वीकार किया।

पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहब के प्रति कांग्रेस को कितनी नफरत थी, कितना गुस्सा था, इसके प्रमाण हैं। बाबा साहब को दो-दो बार चुनाव हराने के लिए क्या कुछ नहीं कहा गया। बाबा साहब को कभी भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया। इस देश के लोगों ने बाबा साहब की भावना का आदर किया, सर्व समाज ने किया। तब आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है। जय भीम बोलने में उनका मुंह सूख जाता है। ये कांग्रेस भी रंग बदलने में बड़ी माहिर लग रही है। कितनी तेजी से अपना नकाब बदल देते हैं, ये इसमें साफ-साफ नजर आ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि, अब कांग्रेस का अध्ययन करेंगे तो इसकी राजनीति जैसे हमारा मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, वैसे ही उनका रहा दूसरे की लकीर छोटी करना। इसके कारण उन्होंने सरकारों को अस्थिर किया, किसी भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसे अस्थिर कर दिया। इसी काम में वो लगे रहे। यही उनकी नीतियों का परिणाम है कि आज कांग्रेस का ये हाल हो गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा के बाद जो कांग्रेस के साथ थे वो भी भाग रहे हैं। इसी का परिणाम है कि कांग्रेस का आज यह हाल हो गया है। देश की सबसे पुरानी पार्टी, आजादी के आंदोलन से जुड़ी पार्टी, इतनी दुर्दशा। अगर वे अपनी लकीर लंबी करने में मेहनत करने न तो इतनी दुर्दशा नहीं होती। बिना मांगे सलाह देता हूं, अपनी लकीर लंबा करने में मेहनत करेंगे तो देश कभी न कभी 10 मीटर दूर यहां आने का अवसर देगा।

पीएम मोदी ने कहा कि, हर समुदाय का सशक्तिकरण और बाबा साहब के सपने को पूरा करने का कार्य हमने मुद्रा योजना से किया है। जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसे मोदी पूजता है। गरीब वंचित का कल्याण हमारी प्राथमिकता है। इस वर्ष के बजट में भी लेदर, फुटवियर इंडस्ट्री जैसे छोटे क्षेत्रों को हमने स्पर्श किया है जिसका लाभ गरीब-वंचित समाज को मिलने वाला है। खिलौने की बात करें, इस प्रकार के लोग ही इस काम में हैं। बहुत से लोगों को इस काम में मदद दी गई और इसका परिणाम ये है कि हम इसे इंपोर्ट करने की आदत में फंसे थे, आज हम तीन गुना एक्सपोर्ट कर रहे हैं। इसका फायदा गरीब लोगों को मिल रहा है। हमने मछुआरे साथियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया और केसीसी के सारे बेनिफिट्स भी दिए। मत्स्य उत्पादन बढ़ा है।

कांग्रेस ने आजादी के तुरंत बाद ही उनकी भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी थीं। जब देश में चुनी गई सरकार नहीं थी, तब जो बैठे थे महाशय, उन्होंने संविधान में संशोधन कर दिया आते ही। चुनी हुई सरकार आने तक का भी इंतजार नहीं किया। उन्होंने, फ्रीडम ऑफ स्पीच को कुचला। अखबारों पर लगाम लगाई और डेमोक्रेट का टैग लगाकर घूमते रहे दुनिया में। ये संविधान की भावना का पूरी तरह अनादर था। नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, पहली सरकार थी और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई। उसमें मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता गाई थी, कॉमनवेल्थ का दास है, इसके जुर्म में नेहरू जी ने उन्हें जेल भेज दिया। बलराज साहनी एक जुलूस में शामिल हुए थे, उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर पर एक कविता आकाशवाणी पर प्रसारित करने की योजना बनाई, उन्हें आकाशवाणी से बाहर कर दिया गया। देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है। देवानंद ने इमरजेंसी को सपोर्ट नहीं किया तो उनकी फिल्में बैन करा दीं।

नेता प्रतिपक्ष खरगे पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि माननीय खरगे जी आपके सामने शेर सुनाते रहते हैं और सभापति जी, आप भी बड़ा मजा लेते रहते हैं। एक शेर मैंने भी कहीं पढ़ा था कि खरगे जी कविताएं पढ़ रहे थे और जो बातें बता रहे थे, आपने भी पूछ लिया था कि जरा बताओ।

खरगे जी ने सोचा होगा कि वहां बोल नहीं सकते, ये अच्छा मंच है, यहीं बोल दें। खरगे जी को आज नीरज जी की ही कुछ पंक्तियां सुनाना चाहता हूं। कांग्रेस सरकार का दौर था, उसी समय नीरज जी ने ये कविताएं लिखी थीं। नीरज ने कहा था है बहुत अंधियारा, अब सूरज निकलना चाहिए हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रहे हैं। 1970 में जब कांग्रेस का राज चलता था। उस समय नीरज जी का एक कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था- फिर दीप जलेगा। उसमें उन्होंने कहा था कि मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा। हमारे प्रेरणा पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भी कहा था- कमल खिलेगा।

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