नई दिल्ली। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भारतीय जनता पार्टी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने जा रही है। भाजपा को बहुमत मिल गया है। अभी तक बीजेपी 3 सीटें जीत चुकी हैं 45 पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं आम आदमी पार्टी 2 सीटें जीत चुकी है और 20 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। रुझाने में बीजेपी की सरकार बन चुकी है। अब बीजेपी की जीत के आधिकारिक ऐलान का इंतजार है।
आज आए चुनावी नतीजों में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित सत्तारूढ़ दल के कई अन्य प्रमुख नेता चुनाव हार गए हैं। मनीष सिसोदिया अपनी सीट छोड़कर जाना शायद उनकी हार की वजह बना। 2020 में मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज से चुनाव लड़ा था। लेकिन इस बार वो सीट बदलकर जंगपुरा चुनाव लड़ने के लिए चले गए। वहीं पहली बार चुनाव लड़े और टीचर से विधायक बनने की चाहत रखने वाले अवध ओझा भी पटपड़गंज से चुनाव हार गए हैं। दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज भी पीछे चल रहे हैं।
दिल्ली में पांच फरवरी को हुए चुनाव में 1.55 करोड़ पात्र मतदाताओं में से 60.54 प्रतिशत ने मतदान किया था। बीजेपी ने 1993 में दिल्ली में सरकार बनाई थी। उस चुनाव में उसे 49 सीट पर जीत मिली थी। अन्ना आंदोलन से नेता के रूप में उभरे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 2015 में 67 सीट जीतकर सरकार बनाई और 2020 में 62 सीट जीतकर सत्ता में धमाकेदार वापसी की थी।
इसके पहले 2013 के अपने पहले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 31 सीट जीती थीं लेकिन वह सत्ता से दूर रह गई थी। बाद में कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे। इस बार सत्ता की अग्रसर बीजेपी 2015 के चुनाव में सिर्फ तीन सीट पर सिमट गई थी जबकि 2020 के चुनाव में उसके सीट की संख्या बढ़कर 8 हो गई थी। वैकल्पिक और ईमानदार राजनीति के साथ भ्रष्टाचार पर प्रहार के दावे के साथ राजनीति में कदम रखने वाले केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को इस चुनाव से पहले कई आरोपों का भी सामना करना पड़ा और उसके कई नेताओं को जेल भी जाना पड़ा।
बीजेपी ने शराब घोटाले से लेकर ‘शीशमहल’ बनाने जैसे आरोप लगाकर केजरीवाल और आप के कथित भ्रष्टाचार को इस चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन विषयों पर लगातार हमले किए। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली में बीजेपी को मिली जीत कई मायनो में अहम है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली को विकास का ‘केजरीवाल मॉडल’ बताकर चुनाव मैदान में थे जबकि बीजेपी ने इसके खिलाफ विकास का ‘मोदी मॉडल’ पेश किया था। इसके तहत बीजेपी ने जहां अपने संकल्प पत्र में मुफ्त बिजली, पानी सहित आप सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के साथ ही महिलाओं को 2500 रुपये का मासिक भत्ता और 10 लाख रुपये तक का ‘मुफ्त’ इलाज सहित कई अन्य वादे किए थे।
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